Monday, 17 September 2018

तनाव एवं इसे दूर करने के उपाय - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता


तनाव के कारण एवं निदान
 द्वारा
अनिल कुमार गुप्ता
(एम् कॉम , एम् ए (अर्थशास्त्र एवं अंग्रेजी साहित्य ) एम् लिब आई एस सी , कंप्यूटर डिप्लोमा ) स्काउट मास्टर (एच डब्लू बी )
पुस्तकालय अध्यक्ष
 ( संभागीय प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित )
( जिला स्तर पर स्काउट मास्टर अवार्ड से सम्मानित )
केंद्रीय विद्यालय संगठन

तनाव आखिर है क्या ?
भटकाव एक मानवीय सोच का परिणाम है और तनाव उस भटकाव से बंधे रहने का शारीरिक एवं मानसिक दुष्परिणाम है | तनाव वह मानसिक स्थिति है जिसका शरीर एवं मन दोनों पर ही समान रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है | तनाव के शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही रूप से व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं | तनाव व्यक्तिगत कारण के साथ – साथ पारिवारिक एवं सामाजिक कारणों का प्रतिकूल परिणाम होता है |
            जीवन में असफलता तनाव का मुख्य कारण है | साथ ही व्यक्ति में किसी भी चीज को पाने की जल्दी है वह इंतज़ार नहीं करना चाहता | कोई अपने वास्तविक जीवन से खुश नहीं है तो कोई काम के बोझ तले स्वयं को खुश नहीं रख पा रहा है | तो कोई अपनी वैवाहिक जिंदगी से खुश नहीं है | हर एक व्यक्ति कहीं न कहीं किसी न किसी तरह से खुद को संतुलित नहीं रख पा रहा है | कहीं बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता तो कहीं बच्चों को अपने परीक्षा परिणाम को लेकर चिंता | ये सभी बातें कहीं न कहीं तनाव की वजह हो जाती हैं |
तनाव के लक्षण :-
तनाव की स्थिति में मनुष्य कुछ विशेष परिस्थितियों से होकर गुजरता है जो इस प्रकार हैं :-
1.   सांस का तीव्र गति से चलना |
2.   रक्तचाप का बढ़ जाना |
3.   नींद न आना |
4.   रक्त संचार में रुकावट आना |
5.   पाचन क्रिया पर सीधा असर पड़ना |
6.   वजन में कमी आना |
7.   हर समय थकान महसूस करना |
8.   दिल का जोर –जोर से धड़कना |
9.   स्वयं पर से विश्वास उठ जाना |
10.                     दूसरों से दूरी बना लेना आदि – आदि |
तनाव के मुख्य कारण :-
            तनाव का अपने चरम पर पहुंचना , तनाव के कारणों से बंधे रहना है | तनाव अनुकूल प्रभाव के रूप में  भी हमारे सामने दृष्टिगोचर होता है जैसे कि परीक्षा में अधिक अंक लाने का तनाव आपको और अधिक प्रयासों के लिए प्रेरित करता है | कई बार तनाव , सकारात्मक सोच का परिणाम बनकर हमारे सामने आता है | ज्यादातर मामलों में तनाव प्रतिकूल प्रभाव ही छोड़ता है |
                तनाव से बाहर आना तनाव पर विजय पाना नहीं है अपितु तनाव के कारणों पर अपने प्रयासों से विजय पाना ही आपका मुख्य उद्देश्य होना चाहिए |
                तनाव के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं :-
1.   सपनों का साकार न होना |
2.   आत्मविश्वास की कमी |
3.   अतिआत्मविश्वास भी तनाव का मुख्य कारण |
4.   अज्ञानता तनाव की मुख्य वजह |
5.   बच्चों में तनाव का मुख्य कारण – SIBLINGS AND PEER |
6.   जिन्दगी में शॉर्टकट को अपनाना भी तनाव की मुख्य वजह |
7.   समस्याओं से जूझने की शक्ति एवं आत्मविश्वास का अभाव |
8.   बच्चों की फ़िक्र करना |
9.   एक शिक्षक को अपने वार्षिक परीक्षा परिणाम की चिंता |
10.                     आर्थिक समस्याएँ |
11.                     नौकरी का अचानक चले जाना |
12.                     किसी ख़ास संबंधी की अचानक मृत्यु का शोक |
13.                     पारिवारिक समस्याएँ |
14.                     प्रेमपूर्ण रिश्तों में सन्देश की स्थिति |
15.         कार्य को सम्पन्न करने के लिए समय का अभाव |
16.                     कर्ज में डूब जाना |
17.                     शारीरिक समस्या जो काफी दिनों से आपको परेशान कर रही है |
18.                     वैवाहिक जीवन में परेशानी |
19.                     परिक्षा में फ़ैल हो जाने से भी तनाव का सामना |
20.                     जीवन शैली में बदलाव |
21.                     नौकरी न लगने की स्थिति |
22.                     किसी अपेक्षा का पूरा न होना |
23.                     भटकाव की स्थिति |
24.                     अहम् में डूबे रहना |
25.                     तनाव के कारणों से बंधे रहना आदि – आदि |

                        उपरोक्त कारणों में से कोई भी एक कारण आपके जीवन में तनाव की स्थिति उत्पन्न कर सकता हैं | आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपको पता हो कि किन – किन बातों का आपके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है | आप कोशिश करें कि वे कारण आपको किसी प्रकार से प्रभावित न कर पायें |

तनाव से मुक्त होने के उपाय :-
तनाव की स्थिति बहुत ही नुकसानदेह हो सकती है यदि आप स्वयं को समय पर इससे बाहर नहीं निकाल पाते | इसके आपके जीवन में असर डालने की अवधि लम्बी भी हो सकती है जिसके दुष्परिणाम से आप बच नहीं सकते | इसके शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही तरह के दुष्परिणाम देखे जा सकते हैं | तो आइये ये जाने कि तनाव से स्वयं को किस तरह से बचाकर रखा जा सकता है :-
1.   स्वयं को हमेशा ही सकारात्मक सोच से पोषित करते रहें |
2.   आत्मविश्वास से स्वयं को ओतप्रोत बनाए रखें |
3.   स्वयं के लिए अवश्य ही समय निकालें |
4.   समय प्रबंधन को अपने जीवन का हिस्सा अवश्य बनाएं |
5.   सादा जीवन और उच्च विचार वाले सिद्धांत का पालन करें |
6.   मूलभूत आवश्यकताओं तक ही अपने जीवन को सीमित करें |
7.   सही लाइफ स्टाइल चुनें जो आपको कर्ज में न डुबोये |
8.   अपने जीवन के कुछ क्षण दूसरों की सेवार्थ खर्च करें |
9.   अपनी पसंद के संगीत को अपने दैनिक जीवन का अंग बनाएं ताकि आप हर समय खुद को प्रफुल्लित रख सकें |
10.                     आध्यात्म को अपने जीवन में विशेष स्थान दें |
11.                     दैनिक जीवन शैली से आप बोर न हों इसलिए अपने बजट के हिसाब से बाहर घूमने का कार्यक्रम अवश्य बनाएं |
12.                     अपने दैनिक जीवन में ध्यान को विशेष जगह दें |
13.                     जिन्दगी में कभी भी झूठ न बोलें |
14.                     नशे से दूरी बनाए रखें |
15.                     अपनी परेशानियों में अपने माता  - पिता को सहभागी बनायें |
16.                     अपने दोस्तों से भी समय समय पर बात करें |
17.                     सुबह जल्दी उठ व्यायाम करें |
18.                     पारिवारिक रिश्तों में प्रगाढ़ता बनाये रखें |
19.                     ऊर्जा बनाए रखने के लिए केला खाएं |
20.                     अपने दैनिक जीवन में अपनी अच्छी आदतों को जरूर से समय दें |
21.                     पोटेशियम से भरपूर चीजों का सेवन करें |
22.                     दूसरों के कार्य के बोझ से बचने के लिए “नहीं “ कहना सीखें |
23.                     गहरी नींद को अपने जीवन में विशेष जगह दें |
24.                     योगा को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं |
25.                     रोज कुछ ऐसा करें जिससे आप खुलकर हंस सकें |
26.                     अच्छी किताबों को अपना मित्र बनाएं |
27.                     कोशिश हो कि आप एक समय पर एक काम करें | एक से ज्यादा काम लेकर आप तनाव में आ सकते हैं |
28.                     अच्छा भोजन ग्रहण करें जिससे आप स्वस्थ रह सकें |
29.                     बुरी आदतों का त्याग करें एवं स्वस्थ विचारों से स्वयं को पोषित करें |
30.                     व्यर्थ के कार्यों में अपना बहुमूल्य समय बर्बाद न करें |
31.                     अपने शारीरिक संतुलन को बनाए रखने के लिए डॉक्टर से समय – समय पर जांच कराते रहें और उनकी सलाह का पालन करें |
32.                     मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें |
33.                     प्राणायाम की स्थिति में बैठकर लम्बी साँसें अवश्य लें दिन में कम से कम दो बार दो मिनट तक |
34.                     अपने जीवन की खुशनुमा स्मृतियों को अवश्य याद करते रहें |
35.                     प्रकृति एवं उसके सुन्दर उपहारों से जुड़ें |
36.                     शरीर की महीने में एक बार मालिश अवश्य कराएं |
37.                     रोज ठंडे पानी से कम से कम दो बार नहायें |
38.                     धार्मिक गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें |
39.                     सामाजिक कार्यों को अपने जीवन का मुख्य उद्देश्य बनाएं |
40.                     अच्छे कार्य कर स्वयं को हमेशा ही प्रफुल्लित करने की कोशिश करें |
41.                     अपनी संस्कृति एवं संस्कारों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं |
42.                     पुरानी कहावतों एवं सूक्तियों को अपने जीवन में उतारें |
43.               तनाव की आरंभिक अवस्था में ही काउंसलर की मदद लें |
44.                     तनाव दूर करने वाली दवाइयों का बिना डॉक्टर के कहे कभी भी सेवन न करें |
45.                     एक उपलब्धि के बाद दूसरी उपलब्धि की और किये जाने वाले प्रयासों को सहजता से लें |
46.                     अपने सपनों को साकार करने के लिए सही मार्ग का चयन करें |
47.                     स्वयं पर विश्वास रखें दूसरों के बहकावे में न आयें |
48.                     शॉर्टकट को अपनी मंजिल की प्राप्ति का मार्ग न बनाएं |
49.                     अपनी काबिलियत को ही अपनी सफलता का राजदार बनाएं |
50.                     शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वयं को पुष्ट रखें |

              उपरोक्त उपाय में से कुछ का भी यदि आप पालन करते हैं तो अवश्य ही आप अपनी मंजिल को पा सकते हैं और एक तनाव रहित जीवन जी सकते हैं | जीवन में यदि तनाव मुक्त रहना है तो हम कोशिश कर स्वयं को इतना परिपक्व करें जिससे हमारे सामने ऐसी परिस्थिति ही न आये और हम एक खुशनुमा एवं  सफल जीवन जी सकें |  

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