तनाव के कारण एवं निदान
अनिल
कुमार गुप्ता
(एम् कॉम , एम् ए (अर्थशास्त्र एवं
अंग्रेजी साहित्य ) एम् लिब आई एस सी , कंप्यूटर डिप्लोमा ) स्काउट मास्टर (एच
डब्लू बी )
पुस्तकालय
अध्यक्ष
( संभागीय प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित )
( जिला स्तर पर स्काउट मास्टर अवार्ड
से सम्मानित )
केंद्रीय
विद्यालय संगठन
तनाव आखिर है क्या ?
भटकाव एक मानवीय सोच का
परिणाम है और तनाव उस भटकाव से बंधे रहने का शारीरिक एवं मानसिक दुष्परिणाम है |
तनाव वह मानसिक स्थिति है जिसका शरीर एवं मन दोनों पर ही समान रूप से प्रतिकूल
प्रभाव पड़ता है | तनाव के शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही रूप से व्यक्तिगत कारण हो
सकते हैं | तनाव व्यक्तिगत कारण के साथ – साथ पारिवारिक एवं सामाजिक कारणों का
प्रतिकूल परिणाम होता है |
जीवन में असफलता तनाव
का मुख्य कारण है | साथ ही व्यक्ति में किसी भी चीज को पाने की जल्दी है वह इंतज़ार
नहीं करना चाहता | कोई अपने वास्तविक जीवन से खुश नहीं है तो कोई काम के बोझ तले
स्वयं को खुश नहीं रख पा रहा है | तो कोई अपनी वैवाहिक जिंदगी से खुश नहीं है | हर
एक व्यक्ति कहीं न कहीं किसी न किसी तरह से खुद को संतुलित नहीं रख पा रहा है |
कहीं बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता तो कहीं बच्चों को अपने परीक्षा परिणाम को लेकर
चिंता | ये सभी बातें कहीं न कहीं तनाव की वजह हो जाती हैं |
तनाव के लक्षण :-
तनाव की स्थिति में
मनुष्य कुछ विशेष परिस्थितियों से होकर गुजरता है जो इस प्रकार हैं :-
1.
सांस
का तीव्र गति से चलना |
2.
रक्तचाप
का बढ़ जाना |
3.
नींद न
आना |
4.
रक्त
संचार में रुकावट आना |
5.
पाचन
क्रिया पर सीधा असर पड़ना |
6.
वजन
में कमी आना |
7.
हर समय
थकान महसूस करना |
8.
दिल का
जोर –जोर से धड़कना |
9.
स्वयं
पर से विश्वास उठ जाना |
10.
दूसरों
से दूरी बना लेना आदि – आदि |
तनाव के मुख्य कारण :-
तनाव का अपने चरम पर पहुंचना , तनाव के कारणों से बंधे रहना
है | तनाव अनुकूल प्रभाव के रूप में भी
हमारे सामने दृष्टिगोचर होता है जैसे कि परीक्षा में अधिक अंक लाने का तनाव आपको
और अधिक प्रयासों के लिए प्रेरित करता है | कई बार तनाव , सकारात्मक सोच का परिणाम
बनकर हमारे सामने आता है | ज्यादातर मामलों में तनाव प्रतिकूल प्रभाव ही छोड़ता है |
तनाव से बाहर आना तनाव पर विजय पाना नहीं है अपितु तनाव
के कारणों पर अपने प्रयासों से विजय पाना ही आपका मुख्य उद्देश्य होना चाहिए |
तनाव के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं :-
1.
सपनों
का साकार न होना |
2.
आत्मविश्वास
की कमी |
3.
अतिआत्मविश्वास
भी तनाव का मुख्य कारण |
4.
अज्ञानता
तनाव की मुख्य वजह |
5.
बच्चों
में तनाव का मुख्य कारण – SIBLINGS AND PEER |
6.
जिन्दगी
में शॉर्टकट को अपनाना भी तनाव की मुख्य वजह |
7.
समस्याओं
से जूझने की शक्ति एवं आत्मविश्वास का अभाव |
8.
बच्चों
की फ़िक्र करना |
9.
एक
शिक्षक को अपने वार्षिक परीक्षा परिणाम की चिंता |
10.
आर्थिक
समस्याएँ |
11.
नौकरी
का अचानक चले जाना |
12.
किसी
ख़ास संबंधी की अचानक मृत्यु का शोक |
13.
पारिवारिक
समस्याएँ |
14.
प्रेमपूर्ण
रिश्तों में सन्देश की स्थिति |
15.
कार्य
को सम्पन्न करने के लिए समय का अभाव |
16.
कर्ज
में डूब जाना |
17.
शारीरिक
समस्या जो काफी दिनों से आपको परेशान कर रही है |
18.
वैवाहिक
जीवन में परेशानी |
19.
परिक्षा
में फ़ैल हो जाने से भी तनाव का सामना |
20.
जीवन
शैली में बदलाव |
21.
नौकरी
न लगने की स्थिति |
22.
किसी
अपेक्षा का पूरा न होना |
23.
भटकाव
की स्थिति |
24.
अहम्
में डूबे रहना |
25.
तनाव
के कारणों से बंधे रहना आदि – आदि |
उपरोक्त कारणों में से
कोई भी एक कारण आपके जीवन में तनाव की स्थिति उत्पन्न कर सकता हैं | आपकी कोशिश
होनी चाहिए कि आपको पता हो कि किन – किन बातों का आपके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़
सकता है | आप कोशिश करें कि वे कारण आपको किसी प्रकार से प्रभावित न कर पायें |
तनाव से मुक्त होने के उपाय :-
तनाव की स्थिति बहुत ही नुकसानदेह हो सकती है यदि
आप स्वयं को समय पर इससे बाहर नहीं निकाल पाते | इसके आपके जीवन में असर डालने की
अवधि लम्बी भी हो सकती है जिसके दुष्परिणाम से आप बच नहीं सकते | इसके शारीरिक एवं
मानसिक दोनों ही तरह के दुष्परिणाम देखे जा सकते हैं | तो आइये ये जाने कि तनाव से
स्वयं को किस तरह से बचाकर रखा जा सकता है :-
1. स्वयं को हमेशा ही सकारात्मक सोच से पोषित करते
रहें |
2. आत्मविश्वास से स्वयं को ओतप्रोत बनाए रखें |
3. स्वयं के लिए अवश्य ही समय निकालें |
4. समय प्रबंधन को अपने जीवन का हिस्सा अवश्य बनाएं |
5. सादा जीवन और उच्च विचार वाले सिद्धांत का पालन
करें |
6. मूलभूत आवश्यकताओं तक ही अपने जीवन को सीमित करें
|
7. सही लाइफ स्टाइल चुनें जो आपको कर्ज में न डुबोये
|
8. अपने जीवन के कुछ क्षण दूसरों की सेवार्थ खर्च
करें |
9. अपनी पसंद के संगीत को अपने दैनिक जीवन का अंग
बनाएं ताकि आप हर समय खुद को प्रफुल्लित रख सकें |
10.
आध्यात्म को अपने जीवन में विशेष स्थान दें |
11.
दैनिक जीवन शैली से आप बोर न हों इसलिए अपने बजट
के हिसाब से बाहर घूमने का कार्यक्रम अवश्य बनाएं |
12.
अपने दैनिक जीवन में ध्यान को विशेष जगह दें |
13.
जिन्दगी में कभी भी झूठ न बोलें |
14.
नशे से दूरी बनाए रखें |
15.
अपनी परेशानियों में अपने माता - पिता को सहभागी बनायें |
16.
अपने दोस्तों से भी समय समय पर बात करें |
17.
सुबह जल्दी उठ व्यायाम करें |
18.
पारिवारिक रिश्तों में प्रगाढ़ता बनाये रखें |
19.
ऊर्जा बनाए रखने के लिए केला खाएं |
20.
अपने दैनिक जीवन में अपनी अच्छी आदतों को जरूर से
समय दें |
21.
पोटेशियम से भरपूर चीजों का सेवन करें |
22.
दूसरों के कार्य के बोझ से बचने के लिए “नहीं “
कहना सीखें |
23.
गहरी नींद को अपने जीवन में विशेष जगह दें |
24.
योगा को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं |
25.
रोज कुछ ऐसा करें जिससे आप खुलकर हंस सकें |
26.
अच्छी किताबों को अपना मित्र बनाएं |
27.
कोशिश हो कि आप एक समय पर एक काम करें | एक से
ज्यादा काम लेकर आप तनाव में आ सकते हैं |
28.
अच्छा भोजन ग्रहण करें जिससे आप स्वस्थ रह सकें |
29.
बुरी आदतों का त्याग करें एवं स्वस्थ विचारों से
स्वयं को पोषित करें |
30.
व्यर्थ के कार्यों में अपना बहुमूल्य समय बर्बाद
न करें |
31.
अपने शारीरिक संतुलन को बनाए रखने के लिए डॉक्टर
से समय – समय पर जांच कराते रहें और उनकी सलाह का पालन करें |
32.
मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें |
33.
प्राणायाम की स्थिति में बैठकर लम्बी साँसें
अवश्य लें दिन में कम से कम दो बार दो मिनट तक |
34.
अपने जीवन की खुशनुमा स्मृतियों को अवश्य याद
करते रहें |
35.
प्रकृति एवं उसके सुन्दर उपहारों से जुड़ें |
36.
शरीर की महीने में एक बार मालिश अवश्य कराएं |
37.
रोज ठंडे पानी से कम से कम दो बार नहायें |
38.
धार्मिक गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें |
39.
सामाजिक कार्यों को अपने जीवन का मुख्य उद्देश्य
बनाएं |
40.
अच्छे कार्य कर स्वयं को हमेशा ही प्रफुल्लित
करने की कोशिश करें |
41.
अपनी संस्कृति एवं संस्कारों को अपने जीवन का
हिस्सा बनाएं |
42.
पुरानी कहावतों एवं सूक्तियों को अपने जीवन में
उतारें |
43.
तनाव की आरंभिक अवस्था में ही काउंसलर की मदद लें
|
44.
तनाव दूर करने वाली दवाइयों का बिना डॉक्टर के
कहे कभी भी सेवन न करें |
45.
एक उपलब्धि के बाद दूसरी उपलब्धि की और किये जाने
वाले प्रयासों को सहजता से लें |
46.
अपने सपनों को साकार करने के लिए सही मार्ग का
चयन करें |
47.
स्वयं पर विश्वास रखें दूसरों के बहकावे में न
आयें |
48.
शॉर्टकट को अपनी मंजिल की प्राप्ति का मार्ग न
बनाएं |
49.
अपनी काबिलियत को ही अपनी सफलता का राजदार बनाएं |
50.
शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वयं को पुष्ट रखें |
उपरोक्त उपाय में से कुछ का भी यदि आप पालन करते हैं तो अवश्य ही आप अपनी
मंजिल को पा सकते हैं और एक तनाव रहित जीवन जी सकते हैं | जीवन में यदि तनाव मुक्त
रहना है तो हम कोशिश कर स्वयं को इतना परिपक्व करें जिससे हमारे सामने ऐसी
परिस्थिति ही न आये और हम एक खुशनुमा एवं सफल
जीवन जी सकें |
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