मंजिल तुम्हारे प्रयासों का पर्याय
हो जाए
मंजिल तुम्हारे प्रयासों का पर्याय
हो जाए
आसमां तुम्हारा है, उड़ान भरकर देखो
ग़मों के उस पार, खुशियों से भरा एक
आसमां भी है
प्रयासों का समंदर तुम्हारा है ,
सपने साकार कर देखो
विरासत में सभी को खुला आसमां नसीब
नहीं होता
समंदर की लहरों को अपनी मंजिल की
पतवार बनाकर देखो
क्यों कर करें दूसरों के विचारों को
अपनी धरोहर
खुद के विचारों से दूसरों को रोशन
कर देखो
लिख दो तुम भी एक नई इबारत इस जहां
में
हो सके तो अपनी कलम को दूसरों के
ग़मों के समंदर में डुबोकर देखो
क्यूं कर गोते लगा रहे हो कुविचारों
के समंदर में
हो सके तो सद्विचारों की पावन गंगा
बहाकर देखो
क्यूं कर दूसरों के गम में खुद को
शामिल नहीं करते
हो सके तो कुछ फूलों से दूसरों का
गुलशन सजाकर देखो
क्यूं कर हम किसी की सिसकती साँसों का मरहम नहीं होते
हो सके तो सिसकते अधरों पर मुस्कान
लाकर देखो
क्यूं कर खुद की ही दुनिया में हो
गए इतना मशगूल
हो सके तो किसी के गम को खुशियों से
सजाकर देखो
क्यूं कर इंसानियत की राह से मोड़
लिया है मुंह तुमने
हो सके तो किसी की सूनी जिन्दगी में
खुशियों का सेहरा सजाकर देखो
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