This is the blog which reveals my sincere efforts towards my profession and in writings(Hindi Articles, thoughts and so on.
Thursday, 30 January 2014
Tuesday, 28 January 2014
Are we really sincere? - English Poem by A K Gupta self
Are we really sincere?
Where
do we stand?
What do we think of ourselves?
What do we look for?
Why do we pray for?
Why do we think of?
What is our place?
What is our aim?
Are we really sincere?
Are we really careful?
Are we really courteous?
Are we really delightful?
Are we really disciplined?
Are we moving towards the right direction?
Are we really doing, the way we ought to?
Are we surely at the place, where we ought to?
Are we really moving up?
Are we really a sincere part of the society, the nation &
the whole world?
Do we have patriotic touch?
Do we really behave as human by nature?
Are we really spiritual by soul?
Are we really educated?
Are we really a part of any of these questions?
Surely your rely will be “No”
Then one more question arise here
“What to do now?”
Go with only one question out of the question
which were asked
to you
You will again ask
“Which one? ”
“Are you really sincere?”
This is the only question can answer all the
questions above.
Go with this question
and
enjoy a peaceful , disciplined, spiritual life
and
reach to that almighty
and
supernatural power
waiting for you
with a garland in his hands
“He” is very much waiting for you
with
open heart and open arms
“What you are waiting for?”
Rush towards……………………….
Poem By :- Anil Kumar Gupta
Librarian
Kendriya Vidyalaya
fazilka
केंद्रीय विद्यालय संगठन पर कविता द्वारा अनिल कुमार गुप्ता पुस्तकालय अध्यक्ष के वी फाजिल्का
केंद्रीय विद्यालय संगठन पर कविता
के वी एस
के वी एस की महिमा, लगती निराली हमें
बांधती है अपने, बंधन में सबको |
इसकी पढ़ाई देती, सम्पूर्ण ज्ञान हमें
निखारती, सभी कलाएँ बच्चों में |
कभी बाल मेला ,कभी हाइक पर बच्चे
कभी पोलियो कैंप, कभी स्काउट कैंप |
कभी ट्रेनिंग कैंप, कभी करिएर गाईडेंस
बच्चों को ये, ट्रैकिंग पर ले जाते हैं |
कभी वाटर स्पोर्ट्स, कभी ओलम्पीआड
सभी खेलों की ,स्पोर्ट्स मीट ये कराते हैं |
शिक्षकों की योग्यता ,इनकी विधा से दिखे
बच्चों को ये, इंजीनियर, डाक्टर बनाते हैं |
कभी रिफ्रेशेर, कभी ट्रेनिंग कैंप
शिक्षकों को शिक्षा के, गुर ये सिखाते हैं |
नेता, अभिनेता ,सभी प्रकार के चरित्र
विद्यालय में ये ,रोज ही दिखाते हैं |
कराते हैं ये पार्लियामेंट ,स्कूल प्रांगण में
बच्चों में ये ,नेतृत्व की भावना जगाते हैं |
पुस्तकालय भी इनके होते हैं नंबर वन
जहां बच्चों को, ज्ञान का भण्डार मिल जाता है |
प्रोजेक्ट हो, या हो असाइनमेंट
क्षण भर में ,यहाँ पूरे हो जाते हैं |
ज्ञान का प्रसार ,करते ये लाइब्रेरियन
ज्ञान के मसीहा के, रूप में जाने जाते हैं |
कम फीस, अच्छी सुविधा का वादा
राष्ट्रपति ,स्काउट- गाइड ये बनाते हैं |
ऊँची ऊँची बिल्डिंग ,खुला मैदान देखो
धरती पर स्वर्ग ,उतार ये लाये हैं |
शिक्षा पर शोध, यहाँ का नारा है
सारा विश्व , परिवार हमारा है |
धार्मिक एकता ,अखंडता उपरोपरि
साम्प्रदायिक एकता, उद्देश्य हमारा है |
बच्चे सहयोग करें, बाढ़ पीड़ितों के लिए
भूकंप पीड़ितों के लिए, दंगा पीड़ितों के लिये |
समाज की सेवा करना ,यहाँ बच्चों को सिखाते हैं
राष्ट्र् समर्पण की ,भावना जगाते हैं |
के वी एस की महिमा, लगती निराली हमें
बांधती है अपने, बंधन में सबको ||
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