Tuesday 28 January 2014

केंद्रीय विद्यालय संगठन पर कविता द्वारा अनिल कुमार गुप्ता पुस्तकालय अध्यक्ष के वी फाजिल्का

केंद्रीय विद्यालय संगठन पर कविता
के वी एस
               के वी एस की महिमालगती निराली हमें
बांधती है अपने,  बंधन में सबको |

इसकी पढ़ाई देतीसम्पूर्ण ज्ञान हमें
निखारती, सभी कलाएँ बच्चों में |

कभी बाल मेला ,कभी हाइक पर बच्चे
कभी पोलियो कैंप, कभी स्काउट कैंप |

कभी ट्रेनिंग कैंप, कभी करिएर गाईडेंस
बच्चों को ये, ट्रैकिंग पर ले जाते हैं |

कभी वाटर स्पोर्ट्स, कभी ओलम्पीआड
सभी खेलों की ,स्पोर्ट्स मीट ये कराते हैं |

शिक्षकों की योग्यता  ,इनकी विधा से दिखे
बच्चों को ये, इंजीनियर, डाक्टर बनाते हैं |

कभी रिफ्रेशेरकभी ट्रेनिंग कैंप
शिक्षकों को शिक्षा केगुर ये सिखाते हैं |

नेता, अभिनेता ,सभी प्रकार के चरित्र
विद्यालय में ये ,रोज ही दिखाते हैं |

कराते हैं ये पार्लियामेंट ,स्कूल प्रांगण में
बच्चों में ये ,नेतृत्व की भावना जगाते हैं |

पुस्तकालय भी इनके होते हैं नंबर वन
जहां बच्चों को, ज्ञान का भण्डार मिल जाता है |

प्रोजेक्ट हो, या हो असाइनमेंट
क्षण भर में ,यहाँ पूरे हो जाते हैं |

ज्ञान का प्रसार ,करते  ये लाइब्रेरियन
ज्ञान के मसीहा के, रूप में जाने जाते हैं |

कम फीस, अच्छी सुविधा का वादा
राष्ट्रपति ,स्काउट- गाइड ये बनाते हैं |

ऊँची ऊँची बिल्डिंग ,खुला मैदान देखो
धरती पर स्वर्ग ,उतार ये लाये हैं |

शिक्षा पर शोध, यहाँ का नारा है
सारा विश्व , परिवार हमारा है |

धार्मिक एकता ,अखंडता उपरोपरि
साम्प्रदायिक एकता, उद्देश्य हमारा है |

बच्चे सहयोग करें, बाढ़ पीड़ितों के लिए
भूकंप पीड़ितों के लिए,  दंगा पीड़ितों के लिये |

समाज की सेवा करना ,यहाँ बच्चों को सिखाते हैं
राष्ट्र् समर्पण की ,भावना जगाते हैं |

के वी एस की महिमालगती निराली हमें
                  बांधती है अपने,  बंधन में सबको ||



1 comment:

  1. सच में बहुत अच्छी कविता लिखी है आपने सर |

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